हिमाचल : नेचर पार्क को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार गंभीर, केंद्र को भेजा प्रपोजल

शिमला का हिमलयन नेचर पार्क कुफरी शिमला के पर्यटन स्थलों में से एक है. इस पार्क में बहुत सी ऐसी प्रजातियां है, जो देश के किसी भी चिड़ियाघर में नहीं है. नेचर पार्क कुफरी में काफी संख्या में पर्यटक घुमने आते हैं, लेकिन क्या आप को पता है. 




यहां पर बहुत सी ऐसी प्रजातियां भी हैं जो काफी दुर्लभ है और बस कुफरी जू में देखने को मिलती हैं. सबसे पहले बात करेंगे कस्तुरी मृग की जिसे मस्क डियर भी कहा जाता है. ये मृग केवल हाई-रिज़नस में पाया जाता है.




इस मृग को 2017 में रिब्बा से रेसक्यु कर के लाया गया था. इस नर मृग की खास बात ये है कि इसके दांतों से कस्तूरी बनाई जाती है ये पूरे देश में स्थित चिड़ियाघरों में से कुवल कुफरी जू में ही इक्लौता मृग है. ये मृग इतना खास है कि इसकी देखभाल बड़े प्यार से की जाती है. 20 सालों से यहां काम कर रही बबिता छोटे बच्चे की तरह इसका ध्यान रखती है. बबिता ने इस मृग का नाम बन्नी रखा है. 




कार्तिक और डोलमा की लुक काफी रॉयल


कुफरी ज़ू में हिमालन ताहर का एक जोड़ा, जिनका नाम कार्तिक और डोलमा रखा गया है. देश में हिमलयन ताहर केवल इसी ज़ू में है. ये प्रजाति केवल पश्चिमी हिमालय में पाई जाती है. ताहर की खास बात ये है कि इनकी काफी रॉयल लुक होती है. सर्दियों में इनके चेहरे के चारों ओर बाल आ जाते हैं, जबकि गर्मियों में इनके चेहरे के बाल झड़ जाते है.

हिमालयन नेचर पार्क कुफरी में पक्षियों की भी बहुत सी दुर्जभ प्रजातियां भी हैं, इसमें चेस्ट फी-जेंट और वेस्टर्न टैगोपन एक हैं. ये पक्षियों की प्रजातियां भी केवल इसी जू में हैं. इसके अलाव भूरा भालू भी केवल कुफरी ज़ू रखा गया है. जू में तीन भूरे भालू है जो अक्तूबर से हाईबर्नेशन पर चले जाते है, जिसके लिए उन्होंने एक केव भी बना रखी है. ज़ू में रखे गए हर जानवार का यहां काम करने वाले कर्मचारी काफी अच्छे से ध्यान रखते हैं. इनकी डाइट का और समय समय से डॉक्टरों से चेकअप भी करवाया जाता है.




करीब 100 करोड़ का बजट 
नेचर पार्क कुफरी में इतना सब होने के बाद भी अधिकतर पर्यटकों को इसके बारे में जानकारी है. क्योंकि नेचर पार्क का प्रचार उस स्तर पर नहीं किया जा रहा जितना होना चाहिए. शिमला आने वाले पर्यटक कुफरी आ तो रहे हैं, पर बर्फ देखने के लिए, लेकिन कुफरी ज़ू के बारे में बहुत कम पर्यटकों को पता है. 


प्रदेश वन मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में नेचर पार्क के प्रचार और प्रोत्साहन के लिए कई अवसर हैं. इसके लिए प्रदेश सरकार ने केंन्द्र सरकार को प्रपोजल भेजा है जिसमें प्रदेश में जितने भी नेचर पार्क है उनका प्रचार और प्रसार के लिए करीब 100 करोड़ का बजट रखा गया है.

source:https://goo.gl/W6Yivu

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