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शक्तिपीठों के चढ़ावे से इनकी जिंदगी में आई खुशियां, एक साल में दिए 1 करोड़ 92 लाख
हिमाचल की पांच प्रसिद्ध शक्तिपीठों के चढ़ावे से गरीब परिवारों की बेटियों के हाथ पीले करने में भी मदद की जा रही है। पिछले एक साल में ही शक्तिपीठों से करीब ढाई हजार बेटियों की शादी में मदद की गई।
एक दशक में देवियों के आशीर्वाद से सूबे की 13,615 कन्याओं की शादी करवाई जा चुकी है। पांच प्रमुख मंदिरों बज्रेश्वरी देवी, ज्वालाजी, नयना देवी, चामुंडा देवी व छिन्नमस्तिका धाम चिंतपूर्णी के चढ़ावे से गरीब बेटियों की शादी के लिए अभी तक 6.74 करोड़ रुपये की मदद दी गई है
साल 2017 में ही करीब ढाई हजार बेटियों के हाथ पीले करने के लिए एक करोड़ 92 लाख 29 हजार की सहायता राशि दी है। इसके अतिरिक्त मंदिर न्यासों की ओर से गरीब लोगों के इलाज पर एक लाख रुपये तक दिए जाते
हैं
एसडीएम एवं ज्वालाजी मंदिर अधिकारी राकेश शर्मा ने बताया कि वर्ष 2017 में मंदिर न्यास ने 342 लड़कियों की शादी के लिए 18 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि दी है। वर्ष 2012 से 2017 तक मंदिर न्यास ने करीब 2190 कन्याओं को एक करोड़ सात लाख की आर्थिक मदद दी।
नयना देवी मंदिर न्यास की ओर से वर्ष 2017 में 243 लड़कियों की शादी के लिए 30 लाख 11 हजार रुपये दिए गए हैं। न्यास ने वर्ष 2008 से 2017 तक 2754 लड़कियों को एक करोड़ 58 लाख 24 हजार रुपये दिए।
चिंतपूर्णी न्यास ने वर्ष 2017 में 735 लड़कियों की शादी के लिए एक करोड़ 10 लाख 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि दी है। मंदिर अधिकारी प्रेम लाल शर्मा ने बताया कि न्यास ने 2008 से 2017 तक 6526 गरीब परिवारों की बेटियों की शादी के लिए चार करोड़ 12 लाख 78 हजार रुपये मंजूर किए।
वहीं, चामुंडा देवी मंदिर अधिकारी गृजेश चौहान ने बताया कि वर्ष 2017 में 243 लड़कियों की शादी के लिए 20 लाख 99 हजार रुपये दिए गए। 2008 से 2017 तक 872 लड़कियों को 49 लाख 21 हजार 700 रुपये दिए गए।
बज्रेश्वरी मंदिर कांगड़ा न्यास ने वर्ष 2017 में लड़कियों की शादी के लिए 12 लाख 93 हजार रुपये दिए। कार्यकारी मंदिर अधिकारी सुरेंद्र धीमान ने बताया कि वर्ष 2010 से 2017 तक मंदिर न्यास को 1273 आवेदन आए, जिन्हें 47 लाख 90 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई।
मंदिर न्यास के नियमों के अनुसार दान राशि केवल पात्र गरीब परिवारों की बेटियों की शादी के लिए ही दी जाती है। न्यास बेटियों को 5100 से 15000 रुपये तक का शगुन देता है।
चिंतपूर्णी मंदिर अधिकारी प्रेम लाल शर्मा ने बताया कि मंदिर न्यास की ओर से गरीब लोगों के इलाज के लिए एक लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। मंदिरों से आर्थिक मदद के लिए संबंधित जिला उपायुक्त के पास आवेदन करना होता है।
एक दशक में देवियों के आशीर्वाद से सूबे की 13,615 कन्याओं की शादी करवाई जा चुकी है। पांच प्रमुख मंदिरों बज्रेश्वरी देवी, ज्वालाजी, नयना देवी, चामुंडा देवी व छिन्नमस्तिका धाम चिंतपूर्णी के चढ़ावे से गरीब बेटियों की शादी के लिए अभी तक 6.74 करोड़ रुपये की मदद दी गई है
साल 2017 में ही करीब ढाई हजार बेटियों के हाथ पीले करने के लिए एक करोड़ 92 लाख 29 हजार की सहायता राशि दी है। इसके अतिरिक्त मंदिर न्यासों की ओर से गरीब लोगों के इलाज पर एक लाख रुपये तक दिए जाते
हैं
एसडीएम एवं ज्वालाजी मंदिर अधिकारी राकेश शर्मा ने बताया कि वर्ष 2017 में मंदिर न्यास ने 342 लड़कियों की शादी के लिए 18 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि दी है। वर्ष 2012 से 2017 तक मंदिर न्यास ने करीब 2190 कन्याओं को एक करोड़ सात लाख की आर्थिक मदद दी।
नयना देवी मंदिर न्यास की ओर से वर्ष 2017 में 243 लड़कियों की शादी के लिए 30 लाख 11 हजार रुपये दिए गए हैं। न्यास ने वर्ष 2008 से 2017 तक 2754 लड़कियों को एक करोड़ 58 लाख 24 हजार रुपये दिए।
चिंतपूर्णी न्यास ने वर्ष 2017 में 735 लड़कियों की शादी के लिए एक करोड़ 10 लाख 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि दी है। मंदिर अधिकारी प्रेम लाल शर्मा ने बताया कि न्यास ने 2008 से 2017 तक 6526 गरीब परिवारों की बेटियों की शादी के लिए चार करोड़ 12 लाख 78 हजार रुपये मंजूर किए।
वहीं, चामुंडा देवी मंदिर अधिकारी गृजेश चौहान ने बताया कि वर्ष 2017 में 243 लड़कियों की शादी के लिए 20 लाख 99 हजार रुपये दिए गए। 2008 से 2017 तक 872 लड़कियों को 49 लाख 21 हजार 700 रुपये दिए गए।
बज्रेश्वरी मंदिर कांगड़ा न्यास ने वर्ष 2017 में लड़कियों की शादी के लिए 12 लाख 93 हजार रुपये दिए। कार्यकारी मंदिर अधिकारी सुरेंद्र धीमान ने बताया कि वर्ष 2010 से 2017 तक मंदिर न्यास को 1273 आवेदन आए, जिन्हें 47 लाख 90 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई।
मंदिर न्यास के नियमों के अनुसार दान राशि केवल पात्र गरीब परिवारों की बेटियों की शादी के लिए ही दी जाती है। न्यास बेटियों को 5100 से 15000 रुपये तक का शगुन देता है।
चिंतपूर्णी मंदिर अधिकारी प्रेम लाल शर्मा ने बताया कि मंदिर न्यास की ओर से गरीब लोगों के इलाज के लिए एक लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। मंदिरों से आर्थिक मदद के लिए संबंधित जिला उपायुक्त के पास आवेदन करना होता है।
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